Thursday, February 8, 2018

मेलोडी म्यूजिक किंग - नरेन्द्र सिंह नेगी

गढ़वाली गीत संगीत के शिखर गीत पुरुष नरेंद्र सिंह नेगी जी गीत लेखन , म्यूजिक कम्पोजर और गीत गायन तीनो ही विधाओं में पारंगत है पर गहराई से आकलन किया जाए तो उनके अन्दर जो गुण सर्वश्रेष्ठ है वो संगीत को कम्पोजर का यूँ तो नेगी जी मजे हुए गीतकार भी है उन्होंने बेहतरीन से बेहतरीन गीत लिखे है पर मैं कही बार गहराई से सोचता हूं तो ये पाता हूं नेगी जी गीत लेखन और गायन के मुकाबले संगीत कम्मोजर बहुत विरले है अब नेगीजी अपना लिखा गीत गाये या किसी दूसरे गीतकार का लिखा अगर उन्होंने म्यूजिक कम्पोज किया तो वो गीत बिल्कुल नरेंद्र सिंह नेगी रंग हो जाता है फिर वो वीरेंद्र पँवार जी का लिखा सब्बी धाणी देहरादूण हो या देवी प्रसाद सेमवाल जी का लिखा तू दिखयन्दी जन जुन्याली हो या कन्हैयालाल डंडरियाल जी का लिखा गीत दादू मैं पर्वतों को वासी हो या भजन सिंह जी का लिखा गीत भयो दारू पेणी पिलाणी नि चैंदी इन सभी गीतकारों ने बढ़िया लिखा पर इनकी लिखे गीत में नरेंद्र सिंह नेगी ने जो धुन गढ़ी रंगदार तो गीत और भी रंगीन हो गए जैसे नन्दा राजजात के लोकगीतों पर नेगी जी ने अपना रचित संगीत गढ़ा तो गीत और मेलिडियस हो गए और यही नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों की ताकत है उसमें उनका मेलोडियस संगीत , नरेंद्र सिंह नेगी एक बेहतरीन गीतकार है यह बात जगजाहिर है पर नरेंद्र सिंह नेगी में इतनी ताकत वो अपना लिखे गीत में धुन गढ़े या दूसरे गीतकार के लिखे गीत में उनके संगीत में किसी का भी गीत रच जाए वही मेलोडियस , नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों की ताकत उनका संगीत ही रहा बेहतरीन गीत रचना में एक सरल सौम्य मेलोडियस संगीत और संगीत में इतनी सरलता की हर वो सुनने वाला श्रोता जिसको गाना नही भी आता वो भी बढ़ी सरलता से नेगी जी के गीत गा लेता है भले वो कैसे भी गाये पर हर कंठ में उनका गीत होता है यही कारण नरेंद्र सिंह नेगी लोकप्रिय गायक भले उनकी आवाज गोपाल बाबू गोस्वामी केशव दास अनुरागी जीत सिंह नेगी इन सभी लोक स्तम्भ गायकों की तरह सुरीली आवाज और क्लासिकल गायिकी न होने के बाद भी उनके गीतों की सरलता और बेहतरीन से बेहतरीन म्यूजिक कम्पोजिंग ने नरेंद्र सिंह नेगी जी को एक बेहतरीन गायक बनाया उनके गीतों की सरलता सौम्यता और मेलोडी ने उनको गढ़ का गौरव बनाया है ।
आभार : शैलेन्द्र जोशी - स्वतंत्र लेखक 

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